📚 शब्दों का वर्गीकरण (Classification of Words)
शब्दों को उनके विभिन्न गुणों और विशेषताओं के आधार पर कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है। हमने पहले प्रयोग के आधार पर (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण) पाँच भेदों को देखा। अब हम अन्य महत्वपूर्ण वर्गीकरणों को समझेंगे:
1. 🔍 स्रोत / उत्पत्ति के आधार पर (On the Basis of Origin)
शब्द कहाँ से आए हैं या उनकी जड़ें कहाँ हैं, इस आधार पर शब्दों को मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है:
तत्सम शब्द:
परिभाषा: ये वे शब्द हैं जो संस्कृत भाषा से सीधे हिंदी में आए हैं और अपने मूल रूप में ही प्रयोग होते हैं, बिना किसी बदलाव के।
उदाहरण: अग्नि, वायु, पुष्प, दुग्ध, कर्ण, ग्राम, सूर्य, रात्रि, कार्य।
याद रखने की ट्रिक: "जो संस्कृत से आए, बिना बदले छाए, वो तत्सम कहलाए।"
तद्भव शब्द:
परिभाषा: ये वे शब्द हैं जो संस्कृत से तो आए हैं, लेकिन समय के साथ उनके रूप में कुछ परिवर्तन आ गया है। ये तत्सम शब्दों का ही बिगड़ा हुआ या सरल रूप होते हैं।
उदाहरण:
अग्नि → आग
दुग्ध → दूध
कर्ण → कान
ग्राम → गाँव
सूर्य → सूरज
रात्रि → रात
कार्य → काज
याद रखने की ट्रिक: "संस्कृत से रूप बदला, वो तद्भव ही कहला।"
देशज शब्द:
परिभाषा: ये वे शब्द हैं जिनकी उत्पत्ति का स्रोत अज्ञात है या जो भारत की विभिन्न स्थानीय बोलियों, क्षेत्रीय भाषाओं या आम जनजीवन के संपर्क से हिंदी में आए हैं। इन्हें देशी शब्द भी कहते हैं।
उदाहरण: लोटा, पगड़ी, खिचड़ी, जुगाड़, पेट, डिब्बा, लाठी, थैला।
याद रखने की ट्रिक: "देश की बोली, वही है इसकी झोली।"
विदेशी शब्द (आगत शब्द):
परिभाषा: ये वे शब्द हैं जो विदेशी भाषाओं (जैसे अंग्रेजी, अरबी, फ़ारसी, तुर्की, पुर्तगाली आदि) से हिंदी में आकर प्रचलित हो गए हैं।
उदाहरण:
अंग्रेजी: स्कूल, डॉक्टर, बस, टेबल, पेन
अरबी: किताब, कलम, गरीब, अमीर, इनाम
फ़ारसी: आदमी, जमीन, तारीख, गुलाब, दुकान
तुर्की: कैंची, चाकू, तोप, बेगम
पुर्तगाली: अचार, कमरा, तौलिया, गमला
याद रखने की ट्रिक: "जो विदेशी भाषा से आया, हिंदी में अपना घर बनाया।"
2. 🏗️ रचना / बनावट के आधार पर (On the Basis of Structure)
शब्दों की बनावट या वे कैसे बने हैं, इस आधार पर उन्हें तीन प्रकारों में बांटा जाता है:
रूढ़ शब्द:
परिभाषा: ये वे शब्द हैं जिनके टुकड़े करने पर उनका कोई स्वतंत्र अर्थ नहीं निकलता और वे किसी विशेष अर्थ के लिए रूढ़ (स्थापित) हो गए हैं।
उदाहरण: घर (घ + र = कोई अर्थ नहीं), जल (ज + ल = कोई अर्थ नहीं), हाथी, पेड़, कल, रात।
ट्रिक: "जो तोड़ने पर अर्थ खो दे, वो रूढ़ बन बैठे।"
यौगिक शब्द:
परिभाषा: ये वे शब्द हैं जो दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों या शब्दांशों (उपसर्ग, प्रत्यय) के योग से बनते हैं और जिनके प्रत्येक खंड का अपना अर्थ होता है। इनका अर्थ खंडों के अर्थ के अनुसार ही होता है।
उदाहरण:
पाठशाला (पाठ + शाला = पढ़ने का घर)
रसोईघर (रसोई + घर = खाना बनाने का घर)
प्रधानमंत्री (प्रधान + मंत्री = मुख्य मंत्री)
विद्यार्थी (विद्या + अर्थी = विद्या चाहने वाला)
ट्रिक: "जोड़कर अर्थ पाए, यौगिक कहलाए।"
योगरूढ़ शब्द:
परिभाषा: ये वे यौगिक शब्द हैं जो अपने सामान्य या शाब्दिक अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ के लिए रूढ़ हो गए हैं। ये बहुव्रीहि समास के उदाहरण जैसे होते हैं।
उदाहरण:
पंकज (पंक + ज = कीचड़ में जन्मा) → कमल (विशेष अर्थ)
दशानन (दश + आनन = दस हैं आनन/मुख जिसके) → रावण (विशेष अर्थ)
नीलकंठ (नीला है कंठ जिसका) → शिव (विशेष अर्थ)
लंबोदर (लंबा है उदर जिसका) → गणेश (विशेष अर्थ)
ट्रिक: "बना तो जोड़कर, पर अर्थ है खास, यही योगरूढ़ की है बात।"
3. 🎯 अर्थ के आधार पर (On the Basis of Meaning)
शब्दों के अर्थ के आधार पर भी कई महत्वपूर्ण भेद होते हैं:
एकार्थी शब्द:
परिभाषा: जिन शब्दों का केवल एक ही अर्थ होता है।
उदाहरण: पुस्तक, मेज, घर, नदी, पहाड़।
अनेकार्थी शब्द:
परिभाषा: जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ होते हैं। ये वाक्य के प्रसंग के अनुसार अलग-अलग अर्थ देते हैं।
उदाहरण:
कनक: सोना, धतूरा, गेहूँ
अंबर: आकाश, वस्त्र
कर: हाथ, टैक्स, किरण
हार: पराजय, गले का आभूषण
पर्यायवाची शब्द (समानार्थी शब्द):
परिभाषा: वे शब्द जिनके अर्थ लगभग समान होते हैं।
उदाहरण:
सूर्य → रवि, सूरज, दिनकर, भास्कर
कमल → पंकज, नीरज, जलज
पानी → जल, नीर, तोय
विलोम शब्द (विपरीतार्थक शब्द):
परिभाषा: वे शब्द जो एक-दूसरे का विपरीत या उल्टा अर्थ देते हैं।
उदाहरण:
दिन ↔ रात
सुख ↔ दुःख
अंधेरा ↔ उजाला
आना ↔ जाना
श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द (युग्म शब्द / समरूपी भिन्नार्थक शब्द):
परिभाषा: ये वे शब्द होते हैं जो सुनने में या उच्चारण में लगभग समान लगते हैं, लेकिन उनके अर्थ पूरी तरह से भिन्न होते हैं।
उदाहरण:
अन्न (अनाज) - अन्य (दूसरा)
दिन (दिवस) - दीन (गरीब)
अली (भौंरा) - आली (सखी)
अपेक्षा (आशा) - उपेक्षा (तिरस्कार)
✅ निष्कर्ष
शब्दों के इन विभिन्न वर्गीकरणों को समझना हमें भाषा की बारीकियों और उसकी समृद्धि को समझने में मदद करता है। यह न केवल हमारी शब्दावली को बढ़ाता है, बल्कि हमें वाक्यों में शब्दों का सही और सटीक उपयोग करने में भी सक्षम बनाता है।
मुझे उम्मीद है कि यह विस्तृत जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी! क्या आप किसी विशेष प्रकार के शब्द के बारे में और उदाहरण या स्पष्टीकरण चाहते हैं?
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